तो कैसे है दोस्तो आप । मैं आपका स्वागत करता हु आपका हमारे नए आर्टिकल में जिसका नाम है सर्फ दो घंटो की बिजली कटौती में मुंबई परेशांन ? आखिर क्यों ? । इससे मिलते जुलते टॉपिक्स की भी जानकारीकी लिंक मैं बीच बीच मे दे रहा हु ।
आप उसे जाकर भी पढ़ सकते है । मुझे विश्वास है कि आपको ये ओर मेरे बाकी आर्टिकल भी बहुत पसंद आएंगे। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आता है तो कृपया करके इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करनेके लिए बिल्कुल भी संकोच न करे.दोस्तो मैं ऐसेही अलग अलग नए नए आर्टिकल जो जानकारी से परिपूर्ण होते है. सर्फ दो घंटो की बिजली कटौती में मुंबई परेशांन ? आखिर क्यों ?
वो अपने इस ब्लॉग पर डालते रहता हूं अगर आपने उसकी नोटिफिकेशन पाना चाहते है तो हमारे फेसबुक इंस्टाग्राम account को जरूर फॉलो करें । हम वहां अपने नए ब्लॉग की नोटिफिकेशन अपडेट करते रहते है । तो चलिए अब बिना किसी देरीक़े अपने इस आर्टिकल सर्फ दो घंटो की बिजली कटौती में मुंबई परेशांन ? आखिर क्यों ?
दो घंटे के लिए मुंबई की बिजली चली गई, तब मुख्यमंत्री ने सीधे बिजली कंपनी को फोन किया । पूछा । जब मुंबई के अलावा किसी भी जिले में कई घंटो तक लाइन नहीं रहती गांव सुनसान होते है तब कोई ऐसेही जाग क्यों नहीं उठता ।
किसान के घर में, खेत में, रात भर अंधेरा रहता है। तब राजनीतिक नेता और अधिकारी वातानुकूलित हवा में सो रहे होते हैं। लेकिन फिर किसी से पूछताछ नहीं की जाती । अंत में, गरीब मध्यम वर्ग और किसानों पर मौत का साया मंडरा रहा है।
सरकार, अर्थात्, सत्ताधारी दल, अपने स्वयं के हितों के साथ जल्दी और तुरंत निपटते हैं । लेकिन वे किसानों के प्रति सहानुभूति दिखाने का दिखावा करते हैं। किसान के भरोसे देश चल रहा है लेकिन किसान हर तरफ मरता है।
यह किसान देश का अन्नदाता है। इन किसानोंके भरोसे पूरा देश चलता है। लेकिन इस अन्नदाता की कीमत शून्य है। राजनेता इस किसान के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
यह किसान समृद्ध कैसे हो सकता है? इस बारे में सोचने के लिए बहुत कम राजनीतिक नेता जीवित हैं। किसान आत्महत्या महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बन जाती है।
ज्यादातर नुकसान विदर्भ के किसानों का ही होता है। विदर्भ में बड़ी संख्या में बिजली संयंत्र हैं। विदर्भ से बिजली मुंबई सहित अन्य राज्यों में बेची जाती है। विदर्भ बिजली से भरपूर है।
अगर विदर्भ में बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त में भी प्रदान की जाती है, फिर भी बिजली कंपनियों को नुकसान होगा । भले ही महाराष्ट्र बिजली कंपनियों से आर्थिक राजनीति करता है, महाराष्ट्र बिजली पर निर्भर होकर समृद्ध हो जाता है, लेकिन यह कौन करेगा?
जिस दिन विदर्भ के बारे में इन राजनीतिक नेताओं की मानसिकता बदल जाएगी, साथ ही वह दिन जब विदर्भ के नेता विदर्भ और विदर्भ, बिजली कंपनियों, अन्य संसाधनों के किसानों को समझेंगे उस दिन विदर्भ अलग होगा!
बिजली आपूर्ति के मामले में, विदर्भ में महाराष्ट्र और अन्य राज्यों का भी एक बटन है। मुंबई में बिजली दो घंटे तक कटी रही । इसलिए मुंबई में इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया और राजनीतिक नेता जाग गए।
बस, दो घंटे। यदि पूरे दिन मुंबई को लाइन नहीं दी जाती है, तो विदर्भ में बिजली उत्पादन केंद्र बंद है। तो इन मुंबईकरों का क्या होगा ? एक अप्रत्याशित इलाज ।
दो घंटे बिजली चली, सीएम की नींद उड़ गई । सब लोग भागने लगे। बिजली कंपनियों के फोन बजने लगे। बेहतर होगा कि मीडिया और मुख्यमंत्री किसानों के प्रति समान तत्परता दिखाएं।
भारत का अर्थात अपने महाराष्ट्र का किसान क्या इतनाही सुखी है। बे मौसम बारिश , बिजली की कटौती , और अन्य परेशानिका सामना किसानोंको करना होता है। क्या सीएम इन बातो पर भी ध्यान दे सकते है ?
दोस्तो आज आपको हमारे इस जानकारी से परिपूर्ण आर्टिकल से क्या सीखने मिला ? वैसे तो मै आशा करता हु आपको सर्फ दो घंटो की बिजली कटौती में मुंबई परेशांन ? आखिर क्यों ? यह आर्टिकल पसंद आया होगा।
लेकिन फिर भी अगर आपको इस आर्टिकल में कुछ कमी लगी हो तो वो नीचे कमेंट बॉक्स में बताए साथ ही आगर आपको कुछ भी संकोच या प्रश्न हो तो आप पूछ सकते है । मैं आपके संकोच को दूर करनेकी ओर प्रश्नों का उत्तर देनेका प्रयास करूंगा.आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमे येभी जरूर बताएं.
इसीके साथ आप हमारे मोटिवेशन के ब्लॉग भी पढ़ सकते है जिसकी लिंक यह रही.Motivation
ओर इसीके साथ अगर आप ऑनलाइन पैसे कमाना चाहते है तो हमारा MAKE MONEY ONLINE इस केटेगरी भी जरूर विजिट करे । इसीके साथ आप हमारे Biology के ब्लॉग भी पढ़ सकते है Biology
हमारे इस (सर्फ दो घंटो की बिजली कटौती में मुंबई परेशांन ? आखिर क्यों ?) आर्टिकल को पढ़ने के लिए बहोत बहोत शुक्रिया । तो मिलते है हमारे ऐसेही किसी नए INFORMATIVE आर्टिकल में । धन्यवाद ।